मेरा नाम विनीता है मैंने जब प्यार किया तो मेरी जिंदगी ही बदल गई पर मुझे क्या पता था कि ऐसा भी दिन आएगा
प्यार में लोग दुनिया को छोड़ देते है पर में नहीं छोड़ पाई जिसका पछतावा मुझे आज तक है प्यार करना कोई मजाक नहीं होता अगर प्यार ना मिले तो जिंदगी जीने का कोई अंदाज नहीं होता
उससे मिलने से पहले मेरे जीवन में खोखला पन था
एक अजीब सा खालीपन था जिसे मेरे अलावा आज तक किसी ने महसूस नहीं किया क्योंकि मैं स्वभाव से बहुत चंचल थी किसी कारण मैं कॉलेज में भी और घर पर भी लोगों से दूर रहते थे इसके बावजूद भी मैं बहुत बोलती रहती थी मेरे जीवन का एक दूसरा पहलू भी था
और जीवन के उस हिस्से में आने की इजाजत मैंने किसी को नहीं दी थी बाहर से खुश दिखाई देने वाली लड़की
जिसे लोग हर पल हंसते खिलखिलाते देखते थे
उसके बारे में या अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता था
कि वह अंदर से इतनी अकेली होगी ढेर सारे दर्द अपने अंदर समेटे हुए होगी मैंने अपने आसपास एक घेरा सा बना लिया था कोई भी मेरे द्वारा बनाए गए दायरों को नहीं तोड़ सकता था मुझे इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह लड़का मेरे बनाए हुए दायरों को तोड़ कर मेरे सोच में सम आता हुआ चला जाएगा शुरू शुरू में उससे बात करना एक औपचारिकता थी यह बात अलग थी कि आज तक उसने इस बात को मेरे सामने कभी जाहिर नहीं होने दिया था कि वह मुझे चाहता है मुझे छोटे से छोटे तकलीफ होने पर उसे मुझसे ज्यादा दर्द होता था कोई ऐसे भी किसी को चाह सकता है यकीन करने में बहुत वक्त लग गया
लेकिन समय के साथ मुझे इस बात का एहसास हो गया कि यह लड़का मेरी चिंता करता है मेरी ख्याल रखता है
उसके प्यार में एक पागलपन सा था
मेरी खुशी के लिए वह कुछ भी कर देता था
उस लड़के ने बिना इस बात का जिक्र किया कि उसे मुझसे बातें करना अच्छा लगता है मेरे साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है बड़ी चालाकी से मुझे दोस्ती के लिए पूछा उस दिन संजोग से हम दोनों कॉलेज जल्दी आ गए थे और क्लास रूम में कोई नहीं था उसने कहा कि क्या मैं तुम्हारा हाथ पकड़ सकता हूं पहले तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि आज इस लड़के को क्या हो गया है यह इस तरह की बातें क्यों कर रहा है लेकिन उस पर मुझे पूरा भरोसा था
उसने इतनी आसानी से मेरा हाथ मांगा कि मैं मना ही नहीं कर पाई और अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया उसने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और कहा क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मैं तुममें एक अच्छा दोस्त देखता हूं एक अच्छा इंसान देखता हूं और चाहता हूं कि मैं तुम्हारा दोस्त बनकर जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूं उसने इतनी ईमानदारी से अपनी इस बात को मेरे सामने रखा कि मैं ना नहीं कर पाई और मैंने हां कर दिया उस दिन उसने बस इतना ही कहा और चला गया मुझसे दोस्ती करने की खुशी मैं साफ-साफ उसके चेहरे पर देख पा रही थी मैंने इस बात को बहुत हल्के में लिया हालांकि यह सोचकर मुझे दिनभर बहुत हंसी आ रही थी कि किस तरह डरते डरते उसने मेरा हाथ पकड़ा था मेरे आसपास रहने वाले लोग यह देखकर समझ गए थे कि जरूर कोई बात है अब हम दोनों दोस्त बन गए थे और उसने बड़ी चालाकी से मुझसे किसी भी वक्त फोन पर बात करने की इजाजत मांग ली थी अब वह मुझसे फोन पर बातें करने लगा था अब उससे बातें करना मुझे भी अच्छा लगने लगा था मेरे अंदर क्या चल रहा था मुझे ही समझ में नहीं आ रहा था क्यों मैं उसके फोन का इंतजार करने लगी क्यों मैं उसकी तरफ खींची चली जा रही थी क्यों शायद उससे अपनी बातें शेयर करना मुझे अच्छा लगने लगा था जब भी मैं उदास होती किसी को पता चले ना चले उसको पता चल जाता था और वह मेरी उदासी को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करता रहता था ऐसे ऐसे कुछ दिन बीत गए और एक दिन उसने मुझसे आई लव यू कह दिया मुझे वक्त लगा लेकिन मैंने भी अपने प्यार का इजहार कर दिया मेरे हर जन्मदिन पर मुझसे ज्यादा खुश होना मेरे ऊपर हजारों रुपए मना करने के बावजूद खर्च कर देना वह दीवाना था मेरा उसने भी मुझे अपना दीवाना बना लिया था बाइक पर अक्सर घूमने निकल जाना कॉलेज बंद करके फिल्म देखने जाना यह सब हमें अच्छा लगने लगा था उसकी पूरी दुनिया बन गई थी मैं मेरी पूजा करता था वह दिन तेजी से बिकने लगा हम दोनों दुनिया को भूल चुके थे प्यार के उस दौर ने हम दोनों को भीतर से बदल दिया था हमने प्यार की ढेरों कसमे खाई और ढेरों वादे किए फिर वक्त ने करवट लिया मेरे पिताजी ने 20_21 साल की कम उम्र में ही मेरी शादी पक्की कर दी अंदर से मेरा हाल भी बेहाल था लेकिन वह मुझसे ज्यादा बेहाल थावह किसी भी हद तक जाने को तैयार था मेरा साथ पाने के लिए लेकिन मैं जानती थी कि अगर मैं घर से भाग जाती हूं तो मेरे घर वालों का समाज में जीना मुश्किल हो जाएगा कड़े मन से मैंने उसके साथ जाने से इंकार कर दिया वह हर दिन सैकड़ों बार कोशिश करता कि मेरे फैसले को बदल पाए लेकिन मैं नहीं मानी और एक दिन मेरी शादी हो गई अपनी शादी के कुछ महीनों के बाद मेरी उससे मुलाकात हुई उसने अपना हाल बेहाल कर लिया था उसने कहा कि वह मुझसे मिलने से पहले भी अकेला था और मेरे जाने के बाद फिर अकेला हो गया है उसने कहा कि हमारे कसमों और वादों को पूरा करेगा वह कहता है कि प्यार की लड़ाई तो वह हार गया है पर प्यार की जंग जरूर जीतेगा वो वह कहता है कि तुम भले मेरा साथ ना दे सको मेरा प्यार तो मेरे साथ है ना मेरे प्यार के सहारे उसने जिंदगी में आगे बढ़ने की ठानी है वह कहता है कि उसका प्यार सच्चा है इसलिए उसका प्यार कभी उसकी कमजोरी नहीं बनेगा मुझे अपनी गलती का एहसास है क्योंकि मेरा प्यार मुझसे ज्यादा दुखी है और मैंने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया है मैं उस दीवाने के प्यार को सलाम करती हूं जिसके पास ना मेरा तन था ना मेरा समय ना मेरा जीवन पर अब भी वह मुझसे प्यार करता थापर उस दिन उसने मुझसे झूठ बोला था शायद वह बुरी तरह टूट चुका था जबकि उसने खुद को बहुत बहादुर दिखाने की कोशिश की थी वह लोगों से दूर होता चला गया था और लोग उससे दूर होते चले गए थे बुरे लोगों से दोस्ती कर ली थी उसने वह शराब सिगरेट और ड्रग्स का आदि हो गया था वह बुरी तरह डिप्रेशन का शिकार हो गया था और अंत में एक दिन उसने आत्महत्या कर ली यह था इस कहानी का अंत मैंने तो जीते जी उसके साथ ना रह पाई ना उसके अंतिम समय में मैं उसका साथ निभा पाई उस दिन के बाद मै ना तो चैन से जी पाती हूं और नाही चैन से मर पाऊंगी दोस्तो प्यार कोई खेलवाड नहीं है प्यार करने से पहले दस बार सोच लेना की इसका अंजाम क्या होगा अलविदा दोस्तो
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