टॉयलेट ने दी गवाही कैसे एक गरीब कि इज्जत बचाई टॉयलेट ने और लोगो की पोल भी खोल दी

टॉयलेट ने दी गवाही कैसे एक गरीब कि इज्जत बचाई टॉयलेट ने और लोगो की पोल भी खोल दी


एक गांव में एक आदमी मर गया था।
पडोस वालों ने बताया कि उसकी मौत भूख से हुई है।
बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति था। कुछ भी परेशानी आयी हो वह स्वयं ही जूझता था,
किसी से कभी कोई कर्ज नहीं लिया।
उसकी मौत के बाद चारों ओर चर्चा फैल गयी
कि रामराजपुर में एक आदमी भूख से मर गया ।
तमाम टीवी चैनल और अखबार वाले
उस गांव में पहुंच गए।सभी खबरची खबर पैदा करने के लिये जी जान से जुट गए।
कुछ टीवी चैनल वालों ने घर का कोना कोना छान मारा कहीं भी अनाज का दाना नहीं मिला
और न आलू दाल, चावल मिला ।
फिर इन चैनलों पर खबर चलने लगी "
ब्रेकिंगन न्यूज़" रामराजपुर में रामलाल की भूख से मौत। सरकार की राशन वितरण प्रणाली भी
भुख को मात नहीं दे पा रही है।
कहीं आधार कार्ड तो कहीं राशन कार्ड
गरीबों के जीवन में खलनायक बना हुआ है।
सरकार को सोती नींद से जागकर गरीबों की समस्या पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है
नहीं तो सत्तारूढू पार्टी को इसका असर आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा।
दूसरी तरफ चार पांच टीवी चैनल वालों ने खबर के लिए इतनी मेहनत की,इतनी मेहनत की कि उन्होंने रामलाल के घर से 5-5 गेहूं के दाने,10-10० अरहर की दाल के दाने और कुछ चावल के दाने ढूरंढ निकाले।
और लाइव कवरेज चलने लगा ब्रेकिंग न्यूज देखिए हम आपको सीधे लिए चलते हैं
रामराजपुर के रामलाल के घर जैसा कि आप देख और सुन रहे थे कि रामलाल की मौत भूख से हुई है हमारी टीम ने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है।
अभी-अभी हमें रामलाल के घर से
गेहें के 10 दाने अरहर की दाल के कुछ दाने
चावल के कुछ दाने मिले हैं।
इससे साफ -साफ साबित हो रहा है
कि रामलाल की मौत भूख से नहीं हुई होगी
मौत का कोई दूसरा कारण रहा होगा।
विपक्ष अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए इस मुद्दे को लेकर हावी है। शाम होते-होते प्राइम टाइम में भी टी वी चैनलों पर बहस शुरू हो गयी।
सभी पार्टियों ने अपने अपने चतुर चाटुकार प्रवक्ताओं को बहस के लिए भेजा।
सरकार वाली पार्टी का प्रवक्ता कह रहा था
कि रामलाल की मौत भूख से नहीं हुई है।
अनेक मीडिया साथियों को रामलाल के घर से अनाज होने के सबूत मिले हैं।
यह घटना सरकार को बदनाम करने की विपक्ष की साजिश है।विपक्ष सरकार की लोकप्रियता से बौखलाहट में है।
दूसरी तरफ विपक्ष के प्रवक्ता चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि रामलाल की मौत भूख से हुई है।
सरकार बुरी तरह फेल है ना ही कोई कानून व्यवस्था है सरकार को नैतिक जिम्मेदारी
लेते हुए तुरन्त इस्तीफा देना चाहिए।
दूसरे दिन जिला स्तर के एक दो अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर रामराजपुर में रामलाल की भुख से मौत की खबर छपी। राष्ट्रीय स्तर के एक दो अखबारों ने कहीं बीच में
दो लाइनों में खबर समेट दी। कूछ ने इसे छोटी खबर मानकर छापना अपनी तौहीन समझा।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में रामलाल की मौत की पुष्टि बीमारी से कर दी गयी।
अब सत्ता पक्ष चैन में आ गया था।
चुनाव नजदीक था |सदन का अंतिम सत्र चल रहा था।विपक्ष को बैठे बिठाए ये मुद्दा मिल गया
सो भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था।
विपक्ष ने सदन में रामलाल की मौत का मुद्दा जोर शोर से उठाया दोनों ओर से सदन में खूब बहस हुई बहस होते होते हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन के सदस्य
एक दूसरे से हाथापाई करने लगे
और कुर्सिसां एक दूसरे के ऊपर फेंकने लगे।
कुछ के सिर फूट गए कुछ ने छिपछिपाकर
अपनी जान बचायी।
तोडफोड़ की रस्म पूरी होने । के बाद
अध्यक्छ महोदय 2 घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
2 घण्टे बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष के सभी सदस्य उपस्थित हये सत्ता पक्ष के कैंटीन का खाना खाकर आराम करने चले गए फिर ना लौटे।
विपक्ष रामलाल की मौत की सीबीआई जांच की मांग पर अड़ गया।
सरकार में सहयोगी दल के एक मुखिया भी
चुनाव की मजबूरी के कारण रामलाल की मौत की सीबीआई की मांग में शामिल हो गये।
और सरकार को अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने
ऊस दिन में उनकी मांग नहीं मानी तो वह अपना समर्थन वापस ले लेंगे।
सरकार ने मजबूरी में रामलाल की मौत का मामला सीबीआई को मय परिणाम सौंप दिया।
सीबीआई की टीम रामराजपुर में 6 दिन डेरा डाले रही। सीबीआई ने गांव के सैकड़ों लोगों के बयान दर्ज किए।
ग्राम प्रधान से पता किया कि रामलाल का
मनरेगा कार्ड था कि नहीं।
प्रधान ने बताया कि कार्ड था।
फिर राशन डीलर के रजिस्टरों की जांच हाई रजिस्टर में रामलाल हर महीने राशन उठा रहा था।
सीबीआई को रामलाल के रोजगारी होने
और राशन लाभार्थी होने का सबूत मिले थे
अतः में सीबीआई मान चुकी थी
कि रामलाल की मौत भूख से नहीं किसी बीमारी से हुई है। तभी वहां बैठे गांव के एक अनपढ़ गंवार से दिखने वाले व्यक्ति ने कहा
कि साहब आप इस केस में इतना सर क्यों खपा रहे हैं ।आप रामलाल के शौचालय की जांच क्यों नहीं करा लेते?दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
यह २ दिन पहले ही बनकर तैयार हुआ है।
यदि इसमें मल होगा तो रामलाल भूख से नहीं मरा यदि शौचालय में मल नहीं है तो रामलाल भूख से ही मरा है।
इस बात का गांव के अन्य बहुत से लोगों ने भी समर्थन किया ।
सीबीआई ने रामलाल के नए बने शौचालय के
पानी का सेम्पल लेकर उसकी जांच विपक्ष के
दवाब के कारण दूसरे राज्य में जांच करवाई|
पानी की जांच में पेशाब की उपस्थिति की तो पुष्टि हुई लेकिन मल के होने का दूर दूर तक कहीं कोई परिणाम नहीं मिला।
अंत में शौचालय की मदद से सीबीआई इस नतीजे पर पहुंची कि रामलाल की मौत भूख से ही हुई है।
ये रामलाल का (देश का भी) दुर्भा्य था
कि उसके घर स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत योजना में शौचालय तो आ चुका था।
 लेकिन *उसका जीवन बचाने के लिए दाल, आटे की कोई योजना उसके घर भूलकर भी नहीं आयी थी

फिर क्या इसमें सबसे ज्यादा गलती किसकी है आप ही कमेंट करके बताइए धन्यवाद

Comments

Popular posts from this blog

पेड़ और बच्चे की दोस्ती पेड़ ने अपना दोस्ती कैसे निभाई और बच्चे ने उसे बदले में read more,,,,,

मेरा नाम विनीता है मैंने जब प्यार किया तो मेरी जिंदगी ही बदल गई पर मुझे क्या पता था कि ऐसा भी दिन आएगा